"हिमाल हास्छ, पहाड नाच्छ, तराई झुल्दछ"
हिमाल हास्छ, पहाड नाच्छ, तराई झुल्दछ !
यही हिमाल, पहाड, तराइसंग नेपाल बल्दछ !!
धानको बाला, तराई झुल्दा मधेश उज्यालो !
तोरीको फूल पहेलै फुल्दा यो मन रमायो !!
हिमाल हास्छ, पहाड नाच्छ--------------
यही हिमाल, पहाड, तराइसंग---------------
-------- १-----------------------------------------
शिरमा मेरो ढाका र टोपि, शिरैमा हिमाल !
चन्द्र र सूर्य नेपाल झण्डा, नाच्दछ फरर !!
आखाँमा मेरो त्रिशुली बग्ला, नानीमा गण्डकी !
छातिमा मेरो नेपाल रहला, मुटुको ढुकढुकी !!
हिमाल हास्छ, पहाड नाच्छ--------------
यही हिमाल, पहाड, तराइसंग---------------
--------------२ -----------------------------------
गलामा मेरो लैबरी बस्यो, भाकामा सोरेठी !
दिलमा मेरो रोदी र घाटु, नृत्यमा मारुनी !!
कोइली गाऊला, मयुर नाच्ला चारकोशे झाडीमा !
कस्तुरी मृग दौडेर खेल्ला आखाँको नानीमा !!
हिमाल हास्छ, पहाड नाच्छ--------------
यही हिमाल, पहाड, तराइसंग---------------
-------------३ --------------------------------
दमाहा, झ्याली, ट्याम्को र सनाही मिलेर बजेका !
डम्फु र मादल नर्सिङ्घा बज्दै नेपाल भनेका !!
रतेडी देउडा भाकामा हाली मिलेर नाचौला !
हिमालमुनि स्वर्गको देश रमाउदै बाचौला !!
हिमाल हास्छ, पहाड नाच्छ--------------
यही हिमाल, पहाड, तराइसंग---------------
----------------------४ -------------------------------
(समाप्त )
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