Saturday, May 27, 2017

दैब हरे

"दैब हरे !"
खाने पेट भोको नै छ,निल्ने गला अझै सुक्खा !
दैब हरे ! कति पिर्छस आंग पेट खाली हुदा !!
पतिदेव बिदेसिए दीइ बट्टा सिन्दुरको !
दैब हरे ! मुर्ती पनि बिलाईदिइस मन्दिरको !!
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सानो एउटा भलै बच्चो अर्को दुधे तोतेबोली !
दैब हरे ! टिपीलागिस गाइ भैसी कठैबरी !!
एउटा बच्चो बुबु भन्छ अर्को हेर्छ रित्तो गोठ !
दैब हरे ! उडाइलगिस छानो भित्तो आगन चोक !!
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बूढा ससु,बुढी सासु झरिरहेछन आशु झरी !
दैब हरे ! बनाईगइस गाऊ बस्ती घाटै सरी !!
तोते बोली बोल्ने नानी बोली रुक्यो निस्सासेर !
दैब हरे ! उडाइलगिस गास,वास बगाएर !!
----------३----------------------------------------------
     समाप्त 

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