Thursday, August 24, 2023

सयपत्री फूलजस्तै ढकमक्कै फुलिरहे

 सयपत्री फूलजस्तै ढकमक्कै फुलिरहे

झिलिमिली दीपजस्तै दाजै तिमी बलिरहे 

ओखरको गेडा फोडे आयु  लामो भन्दै 

कचौरीमा तेल दाजै तिम्रो  भाग्य भन्दै

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सयपत्री फूलजस्तै ढकमक्कै फुलिरहे

झिलिमिली दीपजस्तै दाजै तिमी बलिरहे 

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दीपक हौ दाजै तिमी दीप जस्तै हासीरहे 

शरदको ऋतु म हू जुगै जुग बाचिरहे 

मालाजस्तै बुन्न सकू, खुशी फूल मैले 

त्यही मालामा गासिरहे सुख शान्ति जैले

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सयपत्री फूलजस्तै ढकमक्कै फुलिरहे

झिलिमिली दीपजस्तै दाजै तिमी बलिरहे 

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दुबोले नै पुजेकी छु  तिम्रो शिर मैले 

पूर्णिमाको जून जस्तै झुल्क दाजै पहिले 

सप्तरंगी टिका दाजै तिम्रो निधारैमा 

चम्क सधै तारा जस्तै औशी अधेरीमा

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सयपत्री फूलजस्तै ढकमक्कै फुलिरहे

झिलिमिली दीपजस्तै दाजै तिमी बलिरहे 

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सयपत्री फूलजस्तै ढकमक्कै फुलिरहे

झिलिमिली दीपजस्तै दाजै तिमी बलिरहे


रचना मिति : २०८० भदौ ७ गते 

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