गीत "म फूल जस्तो हुन सकूँ"
म फूल जस्तो हुन सकूँ,
तिमी भवरा बनी आऊ है !
म फूल टिप्ने कोही भए ,
तिमी काँडा भई जोगाऊ है !!
--------------------१ --------------------
म फूल जस्तो हुन सकूँ,
तिमी भवरा बनी आऊ है !
---------------------------------------
म बासुरी झैँ बन्न सकूँ,
तिमी धून बनी बज्नू है !
म सारंगी झैँ बन्न सकूँ ,
तिमी तार बनी रेट्नु है !!
--------------२ -----------------------
म फूल जस्तो हुन सकूँ,
तिमी भवरा बनी आऊ है !
------------------------------------------
म जून जस्तो चम्कन सकूँ ,
तिमी शीतल भई आऊ है !
म घाम जस्तो उज्यालो बनूँ ,
तिमी पारिलॊ भई छाऊ है !!
---------------३--------------------------
म फूल जस्तो हुन सकूँ,
तिमी भवरा बनी आऊ है !
-------------------------------
म गीत जस्तो सरस बनूँ,,
तिमी लय बनी गाऊ है !
म संगीत जस्तो माधुर्य बनूँ
तिमी राग बनी आऊ है !!
------------------४ -------------------
म फूल जस्तो हुन सकूँ,
तिमी भवरा बनी आऊ है !
------------समाप्त ------------------
डा. दीपक यात्री
लेखनाथ -२७ , कास्की
हाल : प्रमुख सूचना प्राबिधिक ,
नेपाल क्यान्सर हस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर , ललितपुर
सम्पर्क फोन नं : ९८१३४५६३७४
रचना मिति : २०८२ साल श्रावण २७ गते
No comments:
Post a Comment